श्री सुरेश शर्मा स्मारक विद्यापीठ के माध्यम से हमाश प्रयास है कि देश के भावी कर्णधार -आज
के शिशु अपनी संस्कृति को पहचानते हुए, उसे अपनाते हुए, विश्व बन्धुत्व में अपनी आस्था २खते हुए, एक
ऐसे राष्ट्र का निर्माण करने में सह्लायक हों जो अशिक्षा, बेरोजगारी व शारीरिक - मानशिक कष्टों का
निबारण करने में सक्षम हों। हम भारत की भौ२वशाली संतान को भारत के गौरव तथा मर्यादा के अनुसार
बनाने का प्रयास कर रहे हैं। हमारी शिक्षा दीक्षा, कार्यकलाप, देश के सम्मान को बढाने वाले हों हमारे सभी
प्रकार के कार्यों का केन्द्र बिन्दु यह पुन्य भूमि हो। हमें ऐसे बालकों का निर्माण करना है जिनके चेहर प२
आभा, शरीए में बल, मन में प्रचण्ड इच्छा शक्ति, बुध्दि में पांडित्य, जीवन में स्वावलम्बन, हृदय में शिवा,
प्रताप, ध्रुव, प्रहलाद की जीवन गाथायें अंकित हों और जिनको देखकर महापुरषो की स्मर्तियाँ झंकृत हो
उठें। हम प्रतिवर्ष अनेक सुरेश बनायें। यह है वह महत्वाकाँक्षा, जिसे मूर्त रूप देने के लिए इस विद्यापीठ की
स्थापना हुई है।